पति-पत्नी का रिस्ता अनूठा, अलबेला व अजीब होता है।
प्यार से निभाओ तो फूलों भरी सेज अन्यथा कीलों वाली सलीब होता है।
इक दूजे का रूठना मनाना, कभी अपनी कभी उनकी बात मान जाना।
अनचाही पर अश्क बहाना, श्रंगार या प्यार से मनचाही ख्वाइस मनवाना।
ताउम्र प्यार से रिस्ता निभाने वाला बडा खुशनशीब होता है।।
पति- पत्नी का रिस्ता अनूठा, अलबेला व अजीब होता है।।
कभी खुशी कभी गम में साथ निभाना, कठिन राहें सुगम बनाते जाना।
व्यवहारिक कमियों को नजरन्दाज कर इक दूजे के पूरक बन जाना।
विचारधारा जुदा होसकती है पर दिलो ओ दिमाग करीब होता है।।
पति- पत्नी का रिस्ता अनूठा, अलबेला व अजीब होता है।।
अहम् के त्याग व स्नेह की बौछार से जीवन चमन महक जाता है।
परस्पर विश्वास व सहयोग का भाव दुर्गम राह को सुगम बना जाता है।
यह मधुर रिस्ता मझधार में तोङने वाला बहुत ही बदनशीब होता है।।
पति- पत्नी का रिस्ता अनुठा, अलबेला व अजीब होता है।।
Amazing
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Thanks
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Bahut khub aur satya likha hai.,.
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Thanks
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Amazing and well described
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